मतदान के बाद भी प्रदेश में किस की सरकार बन रही है इस को लेकर रोज नई अटकलें सामने आ रही है। रोज नए समीकरण सामने आने से प्रार्टी प्रत्याशियों की भी नींद उड़ी है। वहीं जनता को भी अब 10 मार्च का इंतजार है जिससे मतगणना के बाद सही स्थिति सामने आएगी।
भाजपा इन दिनों अपने आपको अधिक असहज महसूस कर रही है। कारण है कि चुनाव के बाद प्रार्टी के तीन विधायकों ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर ही भीतरघाट का आरोप लगाया है। सबसे अधिक विवाद पार्टी के लक्सर विधायक और प्रत्याशी संजय गुप्ता के बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने सीधे सीधे पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक को गद्दार बता दिया है। इसके बाद एक सोशल मीडिया पर मदन कौशिक का इस्तीफा दिये जाने का फर्जी मैसेजे भी वायरल हो गया। इन सबके बीच पार्टी ने कहा है कि प्रदेश में फिर से भाजपा की ही सरकार बनेगी। अब देखना यही है कि जो आरोप प्रत्याशियों ने लगाए हैं वह कितना सच साबित होते हैं। इसका पता मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
वहीं दूसरी ओर मदन कौशिक का पूरा कैरियर इन चुनावों में दांव पर लगा है। यदि मदन कौशिक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार नहीं बनवा पाते तो जो आरोप प्रत्याशी लगा रहे हैं वह सच साबित होंगे और पार्टी का विश्वास मदन कौशिक से खत्म हो जाएगा और उन्हें न केवल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ेगा बल्कि वह आगे भी किसी पद पर अपनी दावेदारी नहीं जता सकेंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बात मदन कौशिक भी अच्छी तरह से जानते हैं कि इस बार का विधानसभा चुनाव उनकी राजनीति में अगले पड़ाव की दिशा तय करेगा। इसलिए वह यह कतई नहीं चाहेंगे कि उनके नेतृत्व में लड़े गए चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़े।