रिपोट महिपाल शर्मा l
बढ़ती बिजली कि मांग और घट रही सप्लाई के चलते प्रदेश में लगातार बिजली कटौती जारी है l यह हाल अन्य प्रदेशो का भी है राज्य सरकारे अब कोयले, पानी से बनने वाली बिजली के स्थान पर सौर ऊर्जा कि ओर देख रही है देश में सौर ऊर्जा की सबसे बड़ी परियोजना राजस्थान में स्थापित की जाएगी। इसके लिए टिहरी जल विद्युत निगम और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के बीच देश की सबसे बड़ी 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। टीएचडीसी 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से 5 साल में इस परियोजना को स्थापित करेगा। 10 हजार मेगावाट अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पॉवर पार्क की स्थापना और संचालन के लिए टीएचडीसी और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम मिलकर संयुक्त उपक्रम की स्थापना करेंगे। आज ऋषिकेश में टीएचडीसी के मुख्यालय में एमओयू पर दस्तखत हुए टीएचडीसी के सीएमडी राजीव विश्नोई ने बताया कि दुनिया भर में पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते खतरों को देखते हुए वैकल्पिक ऊर्जा के नए नए स्रोतों पंर तेजी से काम किया जा रहा है। भारत में भी ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों के अलावा इस तरह की ऊर्जा परियोजना पर काम चल रहा है जो पर्यावरण के अनुकूल हो और जिनमें कार्बन उत्सर्जन लगभग ना के बराबर हो। इसके लिए केंद्र सरकार की सबसे बड़ी विद्युत ऊर्जा उत्पादन करने वाली कंपनी टीएचडीसी ने राजस्थान में देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादन की परियोजना स्थापित करने के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के साथ एक समझौता किया है। राजस्थान में स्थापित होने वाली इस सौर ऊर्जा परियोजना में 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकेगा। इसकी लागत 40 हजार करोड़ रुपये होगी। और साल में 12 हजार करोड़ रुपए का लाभांश मिलेगा। पिछले साल ग्लासगो में हुए जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत सरकार ने साल 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरते रिन्यूएबल एनर्जी के जरिये पूरी करने का लक है निर्धारित किया हुआ है। इसी को देखते हुए भारत सरकार परम्परागत ऊर्जा की जगह अब रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ रही है। राजस्थान में टीएचडीसी और आरआर ई सी एल के इस संयुक्त उपक्रम में 10 हजार सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इस परियोजना की खासियत यह है कि इस परियोजना में सौर ऊर्जा के साथ साथ पवन ऊर्जा, पम्प स्टोरेज प्लांट और भविष्य का ईंधन माने जा रहे ग्रीन हाइड्रोजन का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि परम्परागत ऊर्जा परियोजनाओं की जगह अब पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परियोंनाओ की स्थापना से पर्यावरण प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। टीएचडीसी उत्तराखंड में भी 8 नई जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना करने जा रहा है। इसके लिए भी राज्य सरकार के साथ मिलकर जल्द ही इन पर भी काम शुरू होने की उम्मीद है। सफल संचालन टीएचडीसी जनसंपर्क विभाग की प्रबंधक काजल परमार ने किया।