देहरादून में इकतीस लाख के साइबर फ्रॉड मामले में दिल्ली से शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही देहरादून से दो सहायक शाखा प्रबंधक भी अरेस्ट किए गए हैं। देहरादून निवासी शख्स के बैंक खाते को एक्सेस करके 31 लाख की रकम निकाली गई थी, जिससे अमेजन पर ऑनलाइन सोना खरीदकर रकम को ठिकाने लगाया गया था। एसटीएफ उत्तराखंड ने इसका खुलासा किया है।आरोपी बैंक कर्मचारी ग्राहकों के बैंक खातों में डै अलर्ट नंबर बदल कर उनकी मेहनत की कमाई उड़ा रहे थे। हर्रबटपुर थाना विकासनगर निवासी अतुल कुमार शर्मा (पुत्र स्व0 श्री रामस्वरुप शर्मा) ने देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत दी थी। दी शिकायत में उन्हांेने कहा किसेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उनकी मां के संयुक्त बैंक खाता से उनकी अनुमति के बगैर डै अलर्ट नंबर बदलकर 30.95 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकाले गये हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जांच के दौरान घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, ई-वालेट, और बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व भौतिक साक्ष्यों के आधार पर जानकारी इकट्ठा की गई तो पता चला कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी ने शिकायतकर्ता की अनुमति बिना धोखाधड़ी से उनके बैंक खाते में ैडै अलर्ट नंबर चेंज किया और नेट/मोबाइल बैंकिग के जरिए ऑनलाइन माध्यम से सोना खरीदा और फिर सोने को बेचकर पैसे कमाए जा रहे थे। सभी जानकारी मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस की विशेष टीम तत्काल दिल्ली, एनसीआर, यूपी और हरियाणा रवाना हुई। टीम ने 23 मई को करोल बाग दिल्ली से घटना में शामिल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसके दो और सहयोगी हैं जो सेंट्रल बैंक में ही काम करते हैं। इनमें से एक मो. आजम और दूसरा बैंक का सहायक प्रबंधक कविश डंग है। बाकी दोनों आरोपियों को सेलाकुई व विकासनगर देहरादून से गिफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से लिनोवा लैपटॉप, सैमसंग टैब, 6 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड, 5 पासबुक, 3 चेक बुक, 2 आरसी/डीएल और 1 पेन कार्ड बरामद हुए हैं।