रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
निजी भूमि पर लगे पेड़ो को काटने की परमिशन पर्यावरण के लिए घातक l
इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर की एक आवश्यक बैठक एस एम जे एन पी जी कालेज में सम्पन्न हुईं। बैठक की अध्यक्षता सोसाइटी के अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन अग्रवाल ने की, इस अवसर पर वन कानूनों में प्रस्तावित संशोधनों पर विशद् चर्चा की, बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षाविद डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। यदि हम उसके विरूद्ध जायेंगे और अपने लालच की पूर्ति के लिए उसके ससांधनों का अंधाधुंध दोहन करेंगे तो हम अपने विनाश को निमंत्रण देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को निजी भूमि पर खड़े पेड़ काटने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने एवं सभी प्रासंगिक पहलुओं पर पुनः चिन्तन करना चाहिए डॉ बत्रा ने कहा कि कृषि भूमि पर कृषि उपज के लिए उगाये जाने वाले वृक्षों को काटने की अनुमति तभी दी जानी चाहिए जब उसी प्रकार का पौधारोपण उस भूमि पर पुनः किया जाना सुनिश्चित किया जाये तथा कृषि भूमि का उपयोग अन्य किसी व्यवसायिक गतिविधियों के लिए परिवर्तित नही किया जाये।।गुडविल सोसाइटी के ई०मधु सूदन अग्रवाल, डॉ सुनील कुमार बत्रा, आर्य प्रवीण वैदिक अवकाश चन्द्र सक्सैना, डॉ अमिता मल्होत्रा, डॉ शिखा ममगाई, विश्वास सक्सेना, मुकेश सक्सेना, एवं आर्य प्रभात सैनी ने इस अवसर पर कालेज में एक पौधा रोपित किया।
गुडविल सोसाइटी के राष्ट्रीय सचिव डॉ आर के भटनागर सेवा निवृत्त आई०ए०एस ने पर्यावरण के साथ सतत् विकास की अवधारणा को अपनाने का संदेश दिया उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हरेला पर्व का संदेश पर्यावरण के संरक्षण का संदेश है, वृक्षों का मानव जाति के जीवन में बहुत अधिक महत्व है। वृक्षों का अस्तित्व हमारे जीवन और जीवनशैली दोनों से जुड़ा है। प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ी बूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं।