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नई उड़ान फाउंडेशन ने पिछले कई वर्षो से बीज बम, सीड बॉल्स अभियान बरसात के समय करता आ रहा है

रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
हरिद्वार। नई उड़ान फाउंडेशन ने पिछले कई वर्षो से बीज बम, सीड बॉल्स अभियान बरसात के समय करता आ रहा और इसी कड़ी में संस्था ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय टीबड़ी में एक वर्कशॉप के रूप में किया। इस वर्कशॉप में स्कूल के सभी बच्चों को सीड बॉल्स बनाना, दैनिक जीवन में बीज को संरक्षित करना और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की सिख दी। बीज संरक्षण के लिए बच्चो को सिखाया की सभी जो भी फल खाए जैसे लीची, आम, जामुन, सेब, अमरूद, मिर्च, टमाटर उनके बीज कचरे में न फेके और उन्हे सुखा कर एकत्रित करले या घर के गमलो में मिट्टी में दबाए। नई उड़ान की संस्थापक विनीता गोनियल में सभी बच्चो को जन्मदिन पर अपनी आयु जितने पेड़ लगाने की सिख भीं दी। संरक्षक मोनिका अरोरा और इशिता ने सभी बच्चो को हाथों मे मिटी और बीज देकर सीड बॉल्स बनवाए। बीज बम अभियान कोई नई खोज नहीं है, जापान और मिश्र जैसे देशों में यह तकनीकी सीड बॉल के नाम से सदियों पहले से परंपरागत रूप से चलती रही है, इसे बीज बम नाम इसलिए दिया गया है ताकि इस तरह के अटपटे नाम से लोग आकर्षित हों और इस बारे में जानने का प्रयास करें। यह नामकरण अपने उद्देश्य में सफल रहा। यह एक शून्य बजट अभियान है, जरूरत है तो इच्छा शक्ति की, इसमें मिट्टी और गोबर को पानी के साथ मिलाकर एक गोला बना दिया है और स्थानीय जलवायु और मौसम के अनुसार उस गोले में कुछ बीज डाल दिये जाते हैं। इस बम को जंगल में खुले मैदानों में आसपास कही भी अनुकूल स्थान पर छोड़ दिया जाता है और वर्षा होने पर ये पेड़ का रूप ले लेते है। बीज बम में अल्पकालीन और दीर्घकालीन दोनों तरह के बीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अल्पकालीन बीजों में कद्दू, मटर, लौकी, मक्का जैसी मौसमी सब्जियों और अनाजों के बीज शामिल हैं, जो एक या दो महीने में खाने के लिए तैयार हो जाते हैं। दीर्घकालीन बीजों में स्थानीय जलवायु के अनुसार आम, जामुन आड़ू, शहतूत, सेब, नाशपाती आदि के बीज शामिल किये जा रहे हैं। सभी बच्चो में उत्साह भरने के लिए उनसे वर्कशॉप के अंत में सीडबॉल्स क्विज प्रतिवोगिता भी कराई गई जिसमे बच्चो को स्टेशनरी उपहार दे कर प्रियंका पांडे और प्रियदर्शिनी ने पुरस्कृत भी किया। संस्था सावन के पुरे महीने में पिछले वर्ष के लक्ष्य 5100 से भी ज्यादा सीड बॉल्स तयार कर बच्चो को इस अभियान से जोड़ेगी ताकि ये आदत भी बच बीज की तरह विकसित हो जाए। इस वर्कशॉप में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय टीबड़ी की प्रधान अध्यापिका रागिनी गुप्ता, सुनीता रानी, अनिता राज, रंगोली गोयल और प्रदीप कुमार जी का पूरा सहयोग रहा। अन्य में संस्था के सभी सदस्यों ने स्कूल के कंपाउंड में तुलसी, आम और अमरुद के पौधे भी बच्चों साथ मिलकर लगाए।

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