क्षेत्र मे धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है दीपोत्सव पर्व l
बहादराबाद 24 अक्टूबर ( महिपाल )
सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व दीपावली क्षेत्र में परम्परिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है l दो साल की कोरोना बंदिशों के बाद इस वर्ष दीपावली पर्व को लेकर जनता में भारी उत्साह है, जनता ने एस अवसर पर अपने घरों को विद्युत चालित झालरों से सजाया है, बाजार गुलजार हैं, बेतहाशा महगाई के बावजूद जनता पर्व पर सजावटी सामान, बर्तन, सोने चाँदी के आभूषण, मिट्टी के दीपक, माँ लक्ष्मी गणेश कीमूर्तियां,खील पतासे, खेल खिलोने,पूजा का सामान खरीद रही है l यहां पर भी पटाखों की बिक्री के लिए गाँव से हटकर सिचाई विभाग की दो नहरो के बीच खाली पड़ी जगह पर की जा रही है जहाँ जनता जम कर खरीदारी कर रही है, बच्चों में पटाखों को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है जबकि बड़े केवल जरुरी सामान की ही खरीदारी कर रहे हैं l इस साल दीपावली का पर्व एक दिन पूर्व मनाया जा रहा है अमावस्या को ग्रहण के कारण 24 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जा रही है, आज कार्तिक अमावस्या सांय 5. बाज कर 4 मिनट पर लगेगी जिस कारण दीपावली का पूजन सांय 5.5 बजे से रात्रि 8 बजे तक होगा,अगले दिन मनाया जाने वाला पर्व गोवर्धन पूजा एक दिन बाद मनाया जाएगा, l दीपावली पर्व की मान्यता है कि इस दिन भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम चौदह वर्ष के बनवास के बाद अाताताई रावण का वध करने ओर माता सीता को मुक्त करने के बाद अयोध्या आए थे जिस पर अयोध्या वासियो ने उनके स्वागत में रास्तो, भावनो को दीपको से सजाया था, इसी परंपरा को सनातन धर्म में आगे बढ़ाया जाता है और लोग अपने घरों, रास्तो को दीपको से प्रकाशित करते हैं l शास्त्रों के अनुसार इसी दिन सागर मंथन से माँ भगवती लक्ष्मी प्रकट हुई थी जिस कारण ही दीपावली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, माँ सरस्वती, कुबेर की विशेष पूजा कि जाती है जिसे विधि विधान से करने पर भक्तों को धन धान्य की प्राप्ति होती है l वैसे तो यह पर्व पांच परवों का मिला जुला पर्व है जिस की शुरुवात धन तेरस से प्रारंभ होती है, जिसके अगले दिन कच्चा दीया , छोटी दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज पर्व मनाए जाते हैं l लेकिन इस बार ग्रहण के कारण पर्व पर तिथियो में परिवर्तन हुआ है जिस कारण गोवर्धन पूजा एक छोड़ कर मनाई जाएगी l