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तुम्हारे पैरो में भले ही जूते ना हो पर हाथो में किताब जरूर होनी चाहिए l डा0 भीम राव अम्बेडकर l

रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
तुम्हारे पैरो में भले ही जूते ना हो पर हाथो में किताब जरूर होनी चाहिए l डा0 भीम राव अम्बेडकर l आज डा0 भीमराव अम्बेडकर साहब के महापरिनिर्वाण के दिवस पर पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली कांग्रेस प्रदेश सचिव राव फरमान अली एडवोकेट राव शाहबाज अली एडवोकेट समाजसेवी श्रीमती ऊषा रानी जी नरेश कुमार जी शसिकान्त जी आदि लोगो ने बाबा साहब को याद किया पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राव आफाक अली ने कहा कि डा0भीमराव अंबेडकर साहब कानून के ज्ञाता थे और बहुत बड़े समाजसुधारक थे डा साहब ने दलितों शोषितो पिछड़ो को संविधान में उचित स्थान, सम्मान , व अधिकार प्रदान किये दलितो और अल्पसंख्यकों की आवाज को बुलंद किया डा0 साहब ने जाति पति छुआछूत ऊंचनीच जैसी कुरूतियो को मिटाने का कार्य किया उन्होंने हमारे देश को को दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया इस अवसर पर राव फरमान अली एडवोकेट ने कहा कि डा0 साहब ने यह बहुत बडी बात कहकर की तुम्हारे पैरो में भले ही जूते ना पर हाथों में किताब जरूर होनी चाहिये डॉ साहब ने इस कथन से देश व दुनिया के इंसानों को तथा आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश दिया की जीवन मे शिक्षा बहुत जरूरी है जीवन मे यदि आगे बढ़ना है अपने व अपने देश व समाज के लिए यदि कुछ करना चाहते हो तो सबसे पहले शिक्षा पर खर्च करो भले ही आपको आधी रोटी मिले भले ही आपके पैरों में जूते ना हो भले ही आपके कपड़े फ़टे पुराने हो पर आपके हाथ मे किताब जरूर होनी चाहिए प्रदेश महासचिव व किसान नेता राव फरमान ने कहा कि सभी महापुरुषों ने शिक्षा पर बल दिया सैकड़ो साल पहले हमारे पैगम्बर मुहम्मद साहब ने भी शिक्षा पर जोर दिया आपने कहा था यदि शिक्षा के लिए आपको चीन जाना पड़े तो जरूर जाओ और शिक्षा जरूर हासिल करो अंत मे सभी लोगो ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हुए उनको तथा उनके द्वारा किये गए महान कार्यो को याद किया

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