रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
सूक्ष्म -लघु उद्यमियों के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन, लघु उद्योग भारती और केन्द्रीय पर्यावरण मन्त्रालय और केन्द्रीय प्रदूषण निfयंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ दिल्ली के इन्दिरा गांधी पर्यावरण भवन में एक उच्च स्तरीय मीटिंग हुई थी। जिसमे लघु उद्योग भारती प्रतिनिधिमण्डल के निवेदन और देश के सूक्ष्म -लघु उद्यमियों की परेशानी को समझते हुए अधिकारियों ने तत्काल रूल्स में आवश्यक स्पष्टीकरण देने के लिए सहमति दी थी ।
इसी क्रम में पर्यावरण मंत्रालय ने लघु उद्योग भारती के अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव रोहित भाटिया जाए जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एडवाईजरी जारी करते हुए बताया कि प्रोड्यूसर केवल प्लास्टिक पैकेजिंग उत्पादक हैं।उत्तराखंड का उदहारण जहां किसी भी इंडस्ट्री को जो प्लास्टिक पैकेजिंग प्रयोग कर रही थी, epr में रजिस्टर करने को बाध्य किया जा रहा था, ऐसी दुविधा आगे नहीं आयेगी, इपीआर में पंजीकृत इकाई के लिए अन्य किसी भी गैर पंजीकृत इकाई (जिसको epr में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है) से व्यापार करने में कोई रुकावट नहीं है।
,वेस्ट रिसायक्लर्स अपने आप को केवल रजिस्टर करने की बाद गैर प्लास्टिक पैकेजिंग रिसाइकलर की श्रेणी में रख सकते हैं। इससे वे बेवजह की औपचारिकताओं से बच सकते हैं, इपीआर में रजिस्ट्रेशन हेतु सीपीसीबी व्यापारी की ऑडिटेड सैटमेंट ऑफ अकाउंट को आधार बनाएगा।* क्या पैकेजिंग की मात्रा इत्यादि अगर इस स्टेटमेंट में नहीं है तो पंजीकरण से पूर्व पिछले वर्षों का कोई दायित्व नहीं होगा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एडवाइजरी भारती उत्तराखंड प्रसन्नता व्यक्त करते हुए और पर्यावरण मंत्री का आभार व्यक्त किया है