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हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर महिला दिवस के अवसर पर महिला विरोधी पूंजीवादी उपभोक्तावादी अश्लील संस्कृति का दहन

हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर महिला दिवस के अवसर पर महिला विरोधी पूंजीवादी उपभोक्तावादी अश्लील संस्कृति का दहन

आज 7 मार्च 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस के अवसर पर प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, राजा बिस्किट मजदूर संगठन ,परिवर्तन कामी छात्र संगठन, व संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार आदि संगठनों द्वारा महिला विरोधी पूंजीवादी उपभोक्तावादी अश्लील संस्कृति का दहन का कार्यक्रम किया गया।
प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की हरिद्वार सचिव दीपा ने कहा कि आज समाज में महिलाओं पर अपराध चरम पर है। रोज आये दिन महिला हिंसा घटनाओं की दर्दनाक खबरें आती रहती है।ये अपराध इस पूंजीवादी-साम्राज्यवादी उपभोक्तावादी कुरीतियों की देन है। सरकारें इस रोक के बजाय और बढ़ावा दे रही है। पूंजीपति वर्ग अपने मुनाफे के लिए अश्लील फिल्मों, गानों और विज्ञापनों से बाजार को पाट रखा है रोज इसी तरह मानसिकता वाले कुरीतियों को समाज में परोस रहा है।आये दिन इस कुरीतियों के शिकार मजदूर घर की महिलाएं व बच्चियां हो रही है।पूंजीवादी उपभोक्तावादी पितृसत्तात्मक मूल्य मान्यताओं व अश्लील संस्कृति के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
इंकलाबी मजदूर केंद्र के हरिद्वार प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर महिला के इतिहास को याद करने की जरूरत है। दुनिया के अंदर मजदूर महिलाओं ने समान काम का समान वेतन व वोट देने अधिकार आदि मांगों के लिए बड़े-बड़े आंदोलन किये है। अंत में पूजीपति वर्ग को अधिकार देने पडे़। समाजवादी क्रान्ति में महिलाओं की भूमिका अहम थी। सबसे पहले रूस में समाजवादी क्रान्ति होने के बाद महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला। भारत में आजादी के आंदोलन में भगतसिंह और उनके साथियों के साथ दुर्गा भाभी, शिक्षा के लिए संघर्ष करने वाली सावित्री बाई फुले व तेलंगाना तथा तेलभागा में किसानों के आंदोलन में महिलाओं की कुर्बानियों को कौन भूल सकता है? शाहीन बाग का आंदोलन व हाल ही में किसान आंदोलन में महिलाओं की भूमिका अच्छी थी। उन्होंने शासक वर्ग को चुनौती पेश की थी। आज दुनिया में समाजवाद किसी भी देश में नहीं है तो पूंजीपति वर्ग और ज्यादा हमलावर हो गया है। भारतीय शासक वर्ग का लगातार महिला विरोधी बयान बाजी करना आम बात है। यहां तक कि महिला मजदूरों को रात की पाली में काम कराने के कानून तक बना दिया गया है। आज भारतीय समाज में महिला दिन में ही सुरक्षित नहीं है वो रात में काम के दौरान या आते जाते रास्ते में कैसे सुरक्षित होगी। महिलाओं पर अपराध की संख्या का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। संघी भाजपा सरकार के शासन में महिलाओं के अपराधियों को रिहा भी किया जा रहा है। इन सारी समस्याओं की जड़ में मुनाफे पर टीकी हुई पूंजीवादी व्यवस्था है। इसके खिलाफ मेहनतकश आवाम को आवाज उठाना होगा। मजदूर राज समाजवाद में ही असली मुक्ति महिलाओं को मिलेगी।

भेल मजदूर ट्रेड यूनियन (हरिद्वार), संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा, हरिद्वार व राजा मजदूर संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि महिलाओं पर बढ़ रहे अपराध के खिलाफ मजदूरों मेहनतकशों की एकता के दम पर खत्म किया जा सकता है।
अंत में उपभोक्तावादी अश्लील संस्कृति का नाश हो! महिला हिंसा पर रोक लगाओं! अश्लील फिल्मों, गानों व विज्ञापनों पर रोक लगाओं। मुनाफे पर टीकी पूंजीवादी व्यवस्था का नाश हो! आदि का पोस्टर आग में दहन किया गया।
कार्यक्रम में नीशा, दीपा,दीपमाला, पूनम,प्रीती, नीता, नीशु कुमार विजय, रश्मि,अवधेश व सत्यवीर ,ब्रिजेश कुमार, सूरज शाह,प्रदीप, सुभाष अमित आदि दर्जनों मजदूर व महिलाओं ने भागीदारी की।

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