जनहित व नगर हित के मुद्दों से परे मेयर को बदनाम कर स्वार्थी हितों को साधना चाहते हैं प्रतिद्वंदी।
रिपोर्टर नफीस अहमद
रूड़की।मेयर गौरव गोयल के शपथ लेने के बाद से ही प्रतिद्वंदी उनके खिलाफ लगातार मोर्चा खोल एक दिन भी चुप नहीं बैठे हैं। उनकी कोशिश शुरु से ही मेयर गौरव गोयल को किसी न किसी रुप में बदनाम करने की रही है,इसके लिए उन्हें चाहे कोई भी रास्ता अपनाना पड़ा।मेयर के प्रतिद्वंदी एक बात की चार बात बनाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं,कभी उनके खिलाफ स्थानीय स्तर पर तो कभी शासन स्तर पर शिकायत करना तो कभी अपने द्वारा तैयार कराई गई ऑडियो,वीडियो वायरल कराना।यहां तक कि नगर निगम कार्यालय में जाकर बेवजह हंगामा करना।फिर मीडिया में तमाम तरह की रिपोर्ट प्रकाशित कराना।अपने कुछ खास लोगों से पोर्टल पर यह लिखवाना की मेयर गौरव गोयल पर नगर निगम नहीं संभल रहे हैं।इस बीच जो भी नया ज्वाइंट मजिस्ट्रेट,अपर उपजिलाधिकारी और तहसीलदार यहां तक कि पुलिस अधिकारी आया हो,गुलदस्ता देने के बहाने सभी को यही बताया गया है कि मेयर कुछ भी नहीं है,जबकि किसी भी अधिकारी का पहले दिन ही इस इस बात से क्या लेना देना रहता है कौन कैसा है, किन्तु मेयर के प्रतिद्वंद्वियों ने पहला काम यही किया।कई बार तो देखने में आया है कि व्यापारियों की बैठक हुई।अधिकारियों के समक्ष व्यापारी के मुद्दे उठाए जाने चाहिए थे,लेकिन वहां पर भी कहा गया कि मेयर तो कमजोर है।जनता कुछ दिन तो समझ नहीं पाई लेकिन जब कुछ गिने चुने लोग लगातार मेयर विरोधी अभियान को जारी रखे रहे,तो आम जनमानस समझ गया है कि यह तो सब मेयर को की छवि धूमिल करने के लिए ही किया जा रहा है।उनके कामकाज में बेवजह दखल दिया जा रहा है,ताकि वह जनता के बीच ना जा सके।ऐसे हालात उत्पन्न करने की कोशिश प्रतिद्वंद्वियों के द्वारा की जा रही है।यह पूरी तरह सच भी है कि आज भी नगर निगम में मेयर व उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच सामाजिक,राजनीतिक, धार्मिक,आध्यात्मिक तौर पर तुलना कर ली जाए तो मेयर अपने प्रतिद्वंद्वियों से ढेर बेहतर हैं,यानी कि आज भी जनता में मेयर गौरव गोयल की पकड़ प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले बहुत अच्छी है।उनके प्रति जनता में अच्छी बात यह है कि एक तो उन्होंने कभी किसी को गाली नहीं दी।कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है कि व्यापार की दृष्टि से किसी का लेनदेन में झगड़ा हुआ हो।किसी का लेकर दिया ना हो।गलत लोगों को साथ लेकर वह कभी बाजार में नहीं निकले हैं,ना किसी भी कार्यक्रम में उन्होंने अपनी दबंगई दिखाने की कोशिश की है,वही सादगी भरे अंदाज में रह रहे हैं और बोलचाल में भी कोई तल्खी नहीं दिखाई दी।वैसे भी मेयर गौरव गोयल एक प्रतिष्ठित परिवार से लाला केदारनाथ के पोते हैं।परिवार के संस्कार उनमें साफ तौर पर दिखाई भी देते हैं।प्रतिद्वंदी इसलिए कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह मेयर को जनता की नजरों में कमजोर कर दिया जाए,चाहे हथकंडा जो अपनाना पड़े।यह बात अलग है कि अभी तक उन्हें कोई सफलता जनता के बीच नहीं मिली है।धीरे-धीरे सच्चाई सामने आ रही है।यहां तक कि भाजपा के वरिष्ठ नेता भी इस बात को समझ गए हैं कि मेयर गौरव गोयल को परेशान किया जा रहा है और उन्हें सही ढंग से काम करने नहीं दिया जा रहा है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने तो रुड़की के चर्चित नेताओं को मुंह पर ही कह दिया था कि जनता में अच्छे काम करो, इस,ताकि आम व्यक्ति के दिल में जगह बनाई जा सके,दूसरे को रोकने की कोशिश करना ठीक नहीं है।फानूस बन के हिफाजत जिसकी हवा करे,वो शमा क्या बुझे जिसे रोशन परवरदिगार करे…यहां पर यह भी स्पष्ट है कि पढ़े-लिखे कोई शहर में यदि कोई किसी को बेवजह परेशान करता है तो निश्चित रूप से बुद्धिजीवी वर्ग की नाराजगी आने वाले समय में किसी न किसी रूप में उसे जरूर झेलनी पड़ती है।