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पश्चिमी संस्कृति से नई पीढ़ी की रक्षा तथा भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए गुरुकुल पाठशालाओं का निर्माण अति आवश्यक, स्वामी यतिस्वरानंद

रिपोर्ट सोमवीर सैनी

पश्चिमी संस्कृति से नई पीढ़ी की रक्षा तथा भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए गुरुकुल पाठशालाओं का निर्माण अति आवश्यक, स्वामी यतिस्वरानंद

रुड़की।पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद ने कहा है कि भारत को यदि विश्व गुरु बनाना है तो हमें अपनी पुरातन भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखने के साथ-साथ उसका प्रचार व प्रसार भी करना होगा।उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन गुरुकुल शिक्षा पद्धति केवल एक सामाजिक पद्धति ही नहीं,बल्कि पूरे जीवन और मानवता का एक आदर्श उदाहरण है।उक्त् विचार मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए उन्होंने मैत्री कन्या गुरुकुलम के भूमि पूजन कार्यक्रम में व्यक्त करते हुए कहा कि हम आज भौतिकवादी युग में प्रचार की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं,जिससे हमारे समाज में कुसंगति आ रही है।हमारे बच्चे ऐसी फिल्मों तथा पाश्चात्य विचारधारा के कारण अपनी संस्कृति से हटते जा रहे हैं,इसलिए हमें चाहिए कि ऐसे गुरुकुलम स्थापित करने चाहिए,जिनमें प्राचीन और आधुनिक शिक्षा का समावेश हो तथा हमारी नई पीढ़ी को धर्म के साथ-साथ समाजसेवा का भी मार्ग दिखाई दे।उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि वह अपने जीवन में व्यक्तिगत रूप से ऐसे गुरुकुलम स्थापित करें,जिससे आने वाली पीढ़ी को लाभ मिल सके।उन्होंने कहा कि इस गुरुकुलम के निर्माण के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आर्थिक सहायता के लिए आग्रह करेंगे तथा व्यक्तिगत रूप से उन्होंने भी आर्थिक सहयोग की घोषणा की।रुड़की गौरव गोयल ने अपनी ओर से एक कमरे के निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि हम अपने लिए तो सब कुछ करते हैं,लेकिन समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए यदि हम कुछ करेंगे तो यह पुण्य के साथ-साथ आने वाली नस्लों के लिए भी एक उदाहरण होगा।मेयर गौरव गोयल ने कहा कि उनके दादा तथा पिता सदैव समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यों से जुड़े रहे,जिसकी प्रेरणा मुझे उनसे मिली है।मेरा प्रयास रहेगा कि मैं समाज में ऐसे कार्य करूं,जिससे समाज का मार्गदर्शन हो सके।किसान नेता चौधरी सुभाष नंबरदार ने इस अवसर पर कहा कि आज के युग में ऐसे गुरुकुल स्थापित किए जाने चाहिए,ताकि हमारे ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्राओं को अपने धर्म और संस्कृति की शिक्षा मिल सके।प्रबंधक डॉ.सविता ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह गुरुकुलम देश के सामाजिक,सांस्कृतिक व धार्मिक परिपेक्ष में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाएगा और जनसाधारण के सहयोग से अपने गंतव्य तक पहुंच पाएगा। इस अवसर पर हरि ओम आश्रम कड़वा पानी न्यास के स्वामी अनुपमानंद गिरि जी महाराज,सोहनलाल,अतुल चौधरी,हकीम सिंह आर्य, महिपाल सिंह,पुष्पा बूढाकोटी,आशा धस्माना,पुष्पा शर्मा,कर्नल देवेंद्र सिंह,सूर्यकांत सैनी,यशवीर सिंह आर्य,मनीष पुंडीर, शिवकुमार शर्मा,राम सिंह आर्य,डॉक्टर गजेंद्र कुमार शर्मा,प्रदीप कुमार,जसविंदर सिंह,सहदेव चौधरी आदि बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।बच्चियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी गई।

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