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आचार्य पं.रमेश सेमवाल ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत अनूठी है,जो पूरे विश्व का निरंतर मार्गदर्शन कर रही है।

रुड़की।आचार्य पं.रमेश सेमवाल ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत अनूठी है,जो पूरे विश्व का निरंतर मार्गदर्शन कर रही है।पुरानी तहसील स्थित गुरुकुलम में आयोजित प्रेस वार्ता में आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने बताया कि उनके द्वारा अखिल भारतीय सनातन संस्कार परिवार का गठन किया गया है,जो देशभर में सनातन की रक्षा तथा इसके प्रचार-प्रसार को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगी।उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा ही भारत की पहचान है,जिसने संपूर्ण विश्व को अपना परिवार माना है।इस सनातन परंपरा में दया,करुणा,अहिंसा,प्रेम व परोपकार की भावना निहित है।उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के यह सद्गुण आज विलुप्त हो रहे हैं,इसलिए इनकी पुनर्स्थापना की आवश्यकता महसूस हुई,जिसे लेकर उनके द्वारा अखिल भारतीय सनातन संस्कार परिवार का गठन किया गया है,जिसके वह राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे तथा इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन बहुत शीघ्र भी कर दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि इस के संरक्षक के रूप में डॉ.अनिल शर्मा व सतीश शर्मा,महामंत्री सौरभ भूषण शर्मा,उपाध्यक्ष पंडित विकास शर्मा,संगठन मंत्री अंकित शर्मा,मंत्री रणजीत सिंह रोमी तथा सदस्य के रूप में आचार्य सचिन पंडित व पंडित रोहित शर्मा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।राष्ट्रीय संयोजक डॉ.अनिल शर्मा ने कहा कि बदलते परिवेश में सनातन परंपरा की निरंतरता बनी रहनी चाहिए।संस्कार हीन होती युवा पीढ़ी को संस्कार परिवार के द्वारा धर्म संस्कृति के प्रति जागरूक किया जाएगा,इसके लिए वेद शास्त्र में पुराणों की शिक्षा,दैनिक यज्ञ-हवन,कर्मकांड सिखाने की व्यवस्था भी संगठन के द्वारा की जाएगी।इस अवसर पर संदीप शास्त्री,नरेश शास्त्री,जयप्रकाश शास्त्री आचार्य व आचार्य सागर वत्स आदि भी उपस्थित रहे।

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