Uncategorized

पंडित दीनदयाल के विचारों को हमेशा आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा संस्कृत विश्वविद्यालय : प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री

रिपोर्ट महिपाल शर्मा l

पंडित दीनदयाल के विचारों को हमेशा आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा संस्कृत विश्वविद्यालय : प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री

बहादराबाद। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में ऑनलाइन माध्यम से पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ द्वारा राष्ट्रीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. कौशल किशोर मिश्रा (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी) ने कहा कि महान विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीयता के मूर्त रूप थे। उनके विचारों से राष्ट्र और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जो कुछ भी सीखा है, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से सीखकर भरतीय इतिहास को दृष्टि दी । प्रो. के. के मिश्रा ने यह भी कहा कि जो लोग वर्तमान में अर्थव्यवस्था, अखंड भारत ,धारा 370 , लोकमत तथा अन्न योजना की बात करते हैं, इन सभी पर पं. दीनदयाल उपाध्याय का चिंतन अतुलनीय है । इसलिए सबको उनके बताएं मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए । इसके बाद कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की यह शोधपीठ पं. दीनदयाल के विचारों को हमेशा आगे बढ़ाती रहेगी। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यासागर जोशी (छात्राध्यापक) के मंगलाचरण द्वारा हुआ। संचालन डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट द्वारा किया गया । डॉ. श्वेता अवस्थी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ का परिचय तथा प्रस्तावना रखी। आचार्य सुशील चमोली ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में मनोज गहतोड़ी,डॉ. अरविंद नारायण मिश्र, डॉ. प्रकाश चन्द्र पंत,डॉ. बिंदुमती द्विवेदी, विनय कुमार सेठी, डॉ. दामोदर परगाईं, योगेंद्र दीक्षित, सुशील चमोली, डॉ.उमेश कुमार शुक्ला, आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *