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नियमित खेल से आत्मविकास है सम्भवः प्रो0 महावीर अग्रवाल

रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
खेल युवाओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श देने में है सक्षमः डॉ. एन.पी. सिंह l

12 अक्टूबर, गुणात्मक व अनुसंधान आधारित भारतीय शिक्षा के अतिरिक्त विद्यार्थियों का समग्र व्यक्तित्व विकास पतंजलि विश्वविद्यालय का मुख्य लक्ष्य है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर विभिन्न विभागों द्वारा अनवरत शिक्षण-प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन होता रहता है। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के सौजन्य से ‘खेल के माध्यम से शारीरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक एवं भावनात्मक विकास’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। वैदिक मन्त्रों के साथ सम्मेलन का शुभारम्भ माननीय प्रति-कुलपति प्रो0 महावीर अग्रवाल, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एन.पी. सिंह सहित उपस्थित विद्वानों द्वारा किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. भागीरथी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी।
इस अवसर पर माननीय प्रति-कुलपति प्रो0 महावीर जी ने योग से व्यक्तित्व विकास पर अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि केवल शिक्षा ग्रहण कर लेना ही जीवन का उदेद्श्य नहीं होना चाहिए बल्कि स्वयं का अनवरत विकास हमारा परम लक्ष्य होना चाहिए। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ. एन.पी. सिंह ने उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेल हमें अनुशासन सिखाता है। यह मानसिक संघर्ष तनाव, चिंता आदि को दूर कर सामाजिक समरसता एवं मूल्यों का अभिवर्द्धन करता है। कार्यक्रम में वि.वि. के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि खेल से मानसिक विकास के साथ-साथ चरित्र निर्माण होता है। वि.वि. के परामर्शदाता प्रो0 के0एन0एस0 यादव ने विद्यार्थियों को खेल के विविध लाभों की चर्चा करते हुए कहा कि खेल मानसिक प्रसन्नता अनुभूति में सहायक है।
इस अवसर पर विभिन्न विषयों में सम्भाषण, पोस्टर प्रदर्शनी एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ जिसमें स्नातक, परा-स्नातक के विद्यार्थियों द्वारा ज्ञानवर्द्धक प्रयास किये गये तथा प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को विशेष पुरस्कार व प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अंजू त्यागी एवं स्नातक की छात्राओं सुश्री जया एवं सुश्री रक्षिता द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलसचिव, विभिन्न संकायों के अध्यक्ष सहित आचार्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इसके साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोजन के तत्वावधान में कौशल दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया गया जिसमें शिक्षण, अनुसंधान, योग विज्ञान, प्राकृतिक चिकित्सा एवं छात्र कल्याण संकाय के अध्यक्ष सहित आचार्यों व शोधार्थियों की उपस्थिति रही।

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