रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग एवं लोक भाषा प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वधान में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा शास्त्र विभाग के छात्र छात्राओं ने स्वरचित आशु कवितापाठ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभाग अध्यक्ष डॉ० अरविंद नारायण मिश्र द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया इस अवसर पर छात्र अध्यापक कृष्णा तथा नवीन द्वारा स्वरचित संस्कृत पद्य द्वारा उत्तराखंड की महिमा का वर्णन किया गया छात्र अध्यापक विनीत जोशी ने अपनी कविता द्वारा श्रोताओं को उत्तराखंड के मानसिक भ्रमण पर ले गए जहां उन्होंने संपूर्ण उत्तराखंड के तीर्थ का वर्णन किया इस अवसर पर डॉ० प्रकाश पंत ने छात्रों के साथ उत्तराखंड के विभिन्न महान विभूतियों के साथ अपने अनुभव को साझा किया छात्र अध्यापक रचना ने गढ़वाली कविता द्वारा पहाड़ी जीवन शैली तथा आधुनिक समय की स्थिति को दिखाया। छात्र अध्यापक प्रमोद ने रचित गढ़वाली गीत द्वारा पर्वतों से हो रहे पलायन की समस्या को दर्शाया इस अवसर पर विभाग अध्यक्ष डॉ० मिश्रा ने उत्तराखंड के स्थापना अवसर पर कहा कि आज का दिन हमारे लिए यह समझने का दिन है की स्थापना के इन 23 वर्षों में हमने क्या प्राप्त किया क्या छूट गया इस अवसर पर उन्होंने राज्य के स्थापना के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीरों को स्मरण किया कार्यक्रम का संयोजन श्रीमती मीनाक्षी सिंह रावत द्वारा किया गया एवं संचालन छात्र अध्यापक प्रमोद द्वारा किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति पर उत्तराखंड के लिए शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देकर समापन किया गया। इस अवसर पर डॉ० सुशील चमोली डॉ० बिंदुमती द्विवेदी तथा 50 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।