रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
बहादराबाद पुलिस ने सुलझाई युवक की मृत्यु की गुत्थी, परिजन ने दर्ज कराया था हत्या का मुकदमा l
मृतक के परिवार ने पड़ोस में रहने वाले 08 को बनाया था हत्या का आरोपित
प्रेम प्रसंग में असफलता और प्रेयसी द्वारा आत्महत्या के मजबूर करना बना मृत्यु का कारण
पुलिस की गहरी पड़ताल में सामने आए ठोस इलैक्ट्रोनिक एविडेन्स
मोबाइल में कैद था मृत्यु का भेद, इंस्टाग्राम चैट और कॉल रिकॉर्डिंग से खुला पूरा मामला
हत्या के मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में किया गया तरमीम
भारतीय दण्ड विधान की धारा 306 में कथित प्रेमिका को लिया गया पुलिस हिरासत में
गत 15 जनवरी को श्रीमती सविता पत्नी सुरेश नि0 अम्बेडकर मार्केट थाना बहादराबाद द्वारा शिकायती प्रार्थनापत्र देकर विपक्षी विकास,पुत्र ,रघुवीर सचिन, पुत्र रघुवीर सुधांशु, पुत्र नाथिराम गौतम रोबिन्स पुत्र मांगे राम प्रमोद कुमार पुत्र लाल सिंह आदि अम्बेडकर मार्केट बहादराबाद निवासी 08 लोगों पर अपने पुत्र संजीत की हत्या करने का आरोप लगाया था । उक्त प्रार्थनापत्र पत्र पर थाना बहादराबाद में तत्काल मु0अ0सं0- 10/2024 धारा 302 भादवि पंजीकृत किया गया।
पुलिस टीम द्वारा मृतक के शव को पंचायतनामा कर पोस्टमार्टम कराया गया तथा बाद पोस्टमार्टम मृतक संजीत के शव को अन्तिम संस्कार हेतु परिजनों के सुपुर्द किया गया था।
विवेचना मे मृतक के मोबाइल फोन की गहनता से पड़ताल करने पर इंस्टाग्रम चैट, कॉल रिकॉर्डिंग आदि एवं माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि मृतक संजीत विगत 3 माह से अपने पड़ोस में रहने वाली युवती के साथ प्रेम प्रसंग मे था। दोनो एक साथ घर से बिना बताए चले गए थे लेकिन अगले ही दिन वापस लौट आए थे ।
परिवारों की सहमति से दोनों अपने-अपने घर चले गए थे। संजीत के बार बार मिलने और बात करने की कोशिश करने पर युवती ने मिलने से मना कर शादी कहीं और करने की बात कही। अवसाद में आकर मृतक संजीत ने हाथ की नस काट फोटो युवती को भेजे लेकिन युवती ने बात न मानते हुए उसको और मरने के लिए उकसाया जिसके कारण संजीत ने दिनांक 14.01.24 की रात्रि नेशनल हाईवे के पास किसी बड़े वाहन से टकराकर बीबी से विवेचना की जा रही है ।।
मुक़दमे में आरोपी बनाए गए प्रमोद गौतम ने पुलिस कार्यवाही पर संतोष प्रकट करते हुए पुलिस का धन्यवाद दिया और कहा की निष्पक्ष जाँच से बेकसूर आठ लोगों को मुक़दमे बाज़ी और अपमान से मुक्ति मिली है l प्रमोद गौतम ने कहा कि मृतक की माँ ने साज़िश के तहत उनका नाम मुक़दमे ने इस लिए लिखवाया ताकि फैसले कि एवज़ में मोटी रकम हड़पी जा सके l