हमें श्रीमद्भागवत की कथा का श्रवण करना चाहिए एवं दूसरों को इस कथा को सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए,
मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है श्रीमद्भागवत कथा:पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री
रुड़की।ग्राम अलीपुर में चौहान परिवार की ओर से आयोजित कथा का आज समापन हो गया है।समापन अवसर पर प्रसाद वितरित किया गया और सभी ने पूजा में शामिल होकर आशीर्वाद प्राप्त किया।इस मौके पर कथा वाचक पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री ने कहा है कि भागवत कथा का श्रवण ही मानव जीवन के उद्घार की सीढ़ी है,शर्त सिर्फ इतनी है कि श्रोता की श्रद्धा कितनी गहरी है,क्योंकि उसी गहराई के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है।कथावाचक ने चरित्र का अद्भुत वर्णन करते हुए कहा कि ब्रह्मा,विष्णु,शिव में कोई भेद नहीं है,जो भी मनुष्य इन तीनों में भेद करता है,वह अहंकारी दक्ष की तरह दुर्गति को प्राप्त करता है।श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है।यह कल्पवृक्ष के समान है।भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है,वहीं साक्षात भागवत है।भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।कहा कि कथा सत्संग के बिना विवेक नहीं आता,वहीं विवेक के बिना शांति एवं आनंद का अनुभव नहीं हो पाता।जब भी मानव के जीवन में परमात्मा की कृपा होती है अथवा पुण्योदय होता हैं तभी सत्संग समागम हो पाता है।कथा का संक्षेप में सार बताते हुए पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री ने कहा मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर ही श्रीमद्भागवत जैसी भगवान की दिव्य कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है।भागवत रूपी गंगा की धारा पवित्र और निर्मल है।सभी श्रद्धालुओं ने कथा वाचक पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री व पंडित देवेन्द्र आत्रेय स्वागत किया और आरती में शामिल होकर मन्नत मांगी।ललित चौहान,अंजू चौहान,राघव चौहान आदि सभी मौजूद श्रद्धालुओं ने कथा वाचक का स्वागत किया।समाजसेविका अंजू चौहान ने कहा है कि हमें श्रीमद्भागवत की कथा का श्रवण करना चाहिए एवं दूसरों को इस कथा को सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए।