महिला सशक्तिकरण के लिए “योग” जरूरी,क्रांतिकारी शालू सैनी
रुड़की।लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी एक समाज सेविका होने के साथ-साथ एक अच्छी केयर टेकर भी हैं,जो अपने शहर को अपना परिवार मानती हैं और सुख-दुख में उनके साथ खडी रहती हैं।योग दिवस पर मुजफ्फरनगर शहर के मोहल्ला कृष्णापुरी,रामलीला टिल्ला,हनुमान पुरी न्याजूपुरा आदि में जाकर महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रति जागरूक कर योगा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं को योग से होने वाले फायदों के बारे में बताया।उन्होंने महिलाओं को इकट्ठा कर करो योग,रहो निरोग की थीम को अपनाने पर जोर दिया।उन्होंने तमाम महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को महिलाओं पर केंद्रित किया गया है।इस वर्ष की थीम है ‘योगा फॉर वुमेन इंपावरमेंट’ यानी महिला सशक्तिकरण के लिए योग।महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को केंद्र में रखते हुए इस साल के योग दिवस की थीम बनाई गई है।उन्होंने बताया कि हर साल 21 जून के दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।उन्होंने बताया कि इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों के आयोजन के साथ योग दिवस सेलिब्रेट किया जाएगा।इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग’ है।ये महिलाओं के समग्र कल्याण पर जोर देती है और उनके जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रयासरत है।इस दिन को महिलाओं के शारीरिक, मानसिक,भावनात्मक और सामाजिक विकास के लिए सेलिब्रेट किया जाएगा।उन्होने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शुरुआत साल 2014 में हुई थी जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस संबंध में प्रस्ताव रखा गया था और सभा ने इसे स्वीकार कर लिया था,तब से हर साल योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है।उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल एक अनूठी थीम के साथ दुनिया भर में मनाया जाता है।इस साल दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा।यूं तो एक्सरसाइज का कोई भी फॉर्म हो वो शारीरिक और मानसिक लाभ पहुंचाता है पर योग एक ऐसा प्रकार है,जो शारीरिक लाभ तो देता ही है पर मन को भी अत्यधिक मजबूत बनाता है।उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से स्ट्रेस लेवल पर कंट्रोल करने में आसानी रहती हैं।