रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
हरिद्वार में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग हरिद्वार द्वारा मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना सशक्त किशोरी सशक्त समाज के तहत किशोरी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पहुंची, हरिद्वार पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का एसडीएम हरिद्वार अजय वीर सिंह और जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल सहित हरिद्वार की आंगनबाड़ी कार्यकर्तीओं द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया
उत्तराखंड में किशोरियों और महिलाओं के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम चलते हैं,
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम
इस कार्यक्रम के तहत, हरिद्वार, में ब्लॉक स्तरीय किशोरी और महिलाओं के लिए अनुकूल स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक बनाए गए हैं.
यह किशोरी शक्ति योजना
किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी. इसका मकसद किशोरियों और महिलाओं को अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराना और उन्हें अपने जीवन की ज़िम्मेदारी उठाने में मदद करना है. वहीं सबला योजना भी 11 से 18 साल की किशोरियों के सशक्तीकरण के लिए शुरू की गई है. उत्तराखंड विभिन्न जिलों सहित हरिद्वार में भी इस योजना के तहत कई बाल विकास परियोजनाएं चल रही हैं.
यह अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘किशोरी शक्ति’ थीम पर आधारित है.इस अभियान के दौरान किशोरीयो और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति डॉक्टर और डायटिशियनो और नुक्कड़ नाटकों द्वारा जागरुकता और जानकारी साझा कि गयी
बाइट -रेखा आर्य,कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि विगत कई समय से महालक्ष्मी किट को लेकर लगातार यह मांग उठ रही थी कि बेटी के जन्म की तरह ही बेटों के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट
दी जाए ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री धामी जी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहिम लगी। जिसके तहत अब प्रथम दो प्रसव उसमे चाहे पहली लड़की हो या लड़का दोनों
को ही महालक्ष्मी किट से आच्छादित किया जाएगा।
ऐसे में लैंगिक समानता के दृष्टिगत यह कदम सराहनीय है।
विभागीय मंत्री ने कहा कि जब समाज मे ईश्वर ने बेटी और बेटे में कोई भेदभाव नही किया है तो हमे ऐसा करने की क्या जरूरत है। आज समाज मे जो कार्य बेटे
करने में सक्षम है वही काम बेटियां कर रहीं है और अपने माता पिता के साथ ही देश – प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। कहा कि सविधान ने भी दोनों को
समानता का अधिकार दिया है ऐसे में हमे लिंग भेद की सोच को खत्म करने की आवश्यकता है। कहा कि सरकार के इन निर्णयों से हमारी मातृशक्ति आत्मनिर्भर
के साथ ही सशक्त भी बनेंगी।
बाइट – सुलेखा सहगल, जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार