वी हेल्प फ़ाउंडेशन के सचिव श्री नावेद अहमद जी ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी से मुलाकात कर चर्चा करते हुए बताया कि झुग्गी झोपड़ी शिक्षा पाठशाला का हो रहा है शुभारंभ
विषय : झुग्गी-झोपड़ी में निवास करने अशिक्षित बच्चों को वी हेल्प फाउण्डेशन एन०जी०ओ० द्वारा शैक्षणिक कैम्प के माध्यम से मिलेगी निःशुल्क शिक्षा एवं शिक्षा सामग्री
माननीय राजपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी से हुई व्यक्तिगत चर्चा
सर्व विदित है कि सरकार व राज्य सरकार देश व राज्यों में कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहे, के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों में निःशुल्क ड्रेस, कापी-किताबें, खेल सामग्री आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। अति महत्वपूर्ण योजना डीएम , एमडीएम के माध्यम से बच्चों को निःशुल्क मध्याह्न भोजन वितरित किया जा रहा है, किन्तु इसके बावजूद भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जिन क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों ने अभी स्कूल का मुँह तक भी नहीं देखा है। उपरोक्त क्रम में सचिव श्री नावेद अहमद जी ने वी हेल्प फाउण्डेशन एन०जी०ओ० विगत 2017 से जनहित में विभिन्न कार्यों में कार्य करता चला आ रहा है, जो कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष रूप से सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में सरकार के सहयोगी की भूमिका अदा कर रहा है।
इसी क्रम में श्री नावेद अहमद जी ने एन०जी०ओ० द्वारा राजधानी लखनऊ के ऐसे विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जिसमें झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वाले अशिक्षित बच्चे हैं तथा उन्हें शैक्षणिक कैम्पों के माध्यम से निःशुल्क शिक्षा एवं शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराये जाने का संकल्प एन०जी०ओ० द्वारा लिया गया है।
श्री नावेद अहमद जी ने कहा माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का सर्वप्रथम बहुत बहुत आभार कि उन्होंने अपना बहुमूल्य समय देकर मुझे अपनी बात कहने का मौक़ा दिया।
एक एजुकेशन मॉडल उन बस्ती में रहने वाले परिवार के बच्चों के लिए जो परिवार सिर्फ़ खाना गुज़ारा कर के अपने जीवन जी रहा हैं।
उस परिवार में छोटे-बड़े बच्चे-बच्चियाँ भी हैं।
क्या शिक्षा उनके लिए ज़रूरी है क्या शिक्षा ऐसे परिवारों कि स्थिति भविष्य में बदल सकती है ? इन्हीं सब सवालों पर मंथन करने के बाद वी॰हेल्प॰फ़ाउंडेशन ने उन बच्चों की शिक्षा की ओर क़दम बढ़ाने का निर्णय लिया है जो बच्चे और जो परिवार शिक्षा से बहुत दूर है।
आओ बनाएँ एक बेहतर कल शिक्षा ही है इसका हल।