–इस दिवाली चलो कुछ अच्छा करें-
दीपावली शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन संस्कृति का त्यौहार है।दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है।
दीपावली के इस शुभ और पावन पर्व पर हम सभी दीपक से दीपक को प्रज्ज्वलित कर अंधकार को मिटाकर दीपक द्वारा बनायी गयी दीपक मलाओ से प्रकाशमय बनाते हैं यह त्योहार समाज में सोहध्यपूर्ण वातावरण स्थापित करता है। सभी एक दूसरे को मिठाई खिलाकर ख़ुशी को एक दूसरे के साथ बाँटने का कार्य करते हैं। यह पर्व समाज में समरसता को भी दर्शाता है और हम सभी ख़ुशी के प्रतीक इस त्योहार को हर्षों-उल्लास से मनाते हैं
उसी प्रकार अगर हम सभी इस सांसारिक बेला में यह प्रण लें की इस दीपवाली *हम अपने जीवन में किसी एक वंचित,निर्बल बच्चे के साथ ख़ुशी बाँटेंगे **और एक बच्चे को शिक्षित करेंगे तो वह दिन दूर नहीं होगा जब हमारे समाज में कोई भी बच्चा अशिक्षित या दुःखी नहीं होगा। और यह हम कर सकते है इसलिए आओ *हम सभी मिलकर यह शपथ लें की हम एक नये समाज का निर्माण करेंगे* जहाँ कोई दुःखी या अशिक्षित नहीं होगा।
इसलिए इस दीपवाली के पावन पर्व पर हम एक दूसरे के साथ ख़ुशियों और शिक्षा के भी वाहक बने। और हम सभी एक साथ मिलकर इस त्योहार को ख़ुशी और हर्षों-उल्लास से मनाएँ।
लेखक-(डॉक्टर अनुज शर्मा)
डीन-मदरहुड विश्वविधालय