रिपोर्ट ओमवीर सिंह
मंगलौर: प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पालन पर प्रशासन की सख्त कार्यवाही
मंगलौर के बिजौली गांव में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली के पालन की सूचना पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक बड़ी मात्रा में मछली स्टॉक को नष्ट कर दिया। जिलाधिकारी द्वारा गठित टास्क फोर्स ने मत्स्य विभाग और पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर लगभग 10 कुंतल प्रतिबंधित मछली को जेसीबी की मदद से मिट्टी में दबाकर नष्ट किया।
इसके बाद, टीम ने गांव गाधारोना में भी कार्रवाई की, जहां प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली के पालन की जानकारी मिली। प्रशासन ने चेतावनी दी कि भविष्य में इस मछली के पालन की पुनरावृत्ति पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
थाई मांगुर के पालन पर प्रतिबंध क्यों?
मत्स्य निरीक्षक प्रियंका रासो ने बताया कि थाई मांगुर मछली तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति है, लेकिन इसकी मांसाहारी प्रवृत्ति के कारण यह स्थानीय जलीय जीवों और पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसके चलते, वर्ष 2019 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा इस प्रजाति के पालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया।
निरीक्षक अनुराग सेमवाल ने कहा कि मत्स्य विभाग भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई करता रहेगा। उन्होंने मछली पालकों को चेतावनी दी कि यदि किसी भी क्षेत्र में प्रतिबंधित थाई मांगुर का पालन पाया गया, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एनजीटी का सख्त निर्देश
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार, जहां कहीं भी इस मछली का पालन किया जा रहा है, उसे तत्काल नष्ट किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मछलियों और बीज को नष्ट करने में आने वाला खर्च संबंधित व्यक्ति से वसूला जाएगा।
टीम में शामिल अधिकारी
इस कार्रवाई में मत्स्य निरीक्षक श्रीमती प्रियंका रासो, निरीक्षक अनुराग सेमवाल, नायब तहसीलदार श्री प्रेम सिंह, कानूनगो आदेश कुमार, और पुलिस कर्मी शामिल रहे। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों में जागरूकता बढ़ी है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।