ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी मिथक और तथ्य – क्या सर्दियों में मैमोग्राम की सटीकता कम हो जाती है?
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को प्रभावित करने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है, और इसकी प्रारंभिक पहचान उपचार की सफलता दर बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। मैमोग्राम ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती चरण में असामान्यताओं का पता लगाने का एक महत्वपूर्ण और प्रभावी तरीका है। हालांकि, इससे जुड़े कई मिथक लोगों में भ्रम पैदा करते हैं। ऐसा ही एक मिथक यह है कि सर्दियों में मैमोग्राम की सटीकता कम हो जाती है।
कुछ लोग मानते हैं कि ठंडे मौसम में ब्रेस्ट टिशू में बदलाव के कारण मैमोग्राम की सटीकता प्रभावित हो सकती है। इस धारणा के अनुसार, कम तापमान के कारण ब्रेस्ट टिशू सघन (डेंस) हो जाते हैं, जिससे गलत-सकारात्मक (फॉल्स पॉजिटिव) या गलत-नकारात्मक (फॉल्स नेगेटिव) परिणाम आने की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह के भ्रम के कारण सर्दियों में मैमोग्राफी स्क्रीनिंग में देरी हो सकती है, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य को अनावश्यक जोखिम होता है।
सीके बिरला अस्पताल,गुरुग्राम के ब्रैस्ट सेंटर विभाग के लीड कंसल्टेंट एवं हेड डॉ. रोहन खंडेलवाल ने बताया कि “हालांकि, वैज्ञानिक शोध और विशेषज्ञों की राय इस बात की पुष्टि करती है कि मैमोग्राम की सटीकता मौसम पर निर्भर नहीं करती। मैमोग्राम के दौरान इस्तेमाल होने वाली तकनीक और उपकरण अत्यधिक उन्नत होते हैं और बाहरी मौसम की स्थिति से अप्रभावित रहते हैं। रेडियोलॉजिस्ट, जो इन छवियों का विश्लेषण करते हैं, मौसम की परवाह किए बिना अपनी विशेषज्ञता के आधार पर सटीक परिणाम प्रदान करने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा, ब्रेस्ट टिशू की घनत्व आनुवंशिकी, उम्र और हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करती है, न कि मौसमी प्रभावों पर।“
यह मिथक संभवतः ठंड के कारण होने वाले अस्थायी शारीरिक बदलावों से जुड़ा हो सकता है, जैसे त्वचा का सिकुड़ना या मांसपेशियों की जकड़न। हालांकि, यह शारीरिक असुविधा मैमोग्राम के परिणामों को प्रभावित नहीं करती। इसके बावजूद, इस प्रकार के मिथक महिलाओं में अनावश्यक चिंता पैदा कर सकते हैं और स्क्रीनिंग में देरी का कारण बन सकते हैं।
डॉ. रोहन ने आगे बताया कि “सर्दियों के दौरान मैमोग्राम के लिए कुछ आसान सुझाव अपनाए जा सकते हैं, जैसे कि गर्म कपड़े पहनना, त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना और तनावमुक्त रहना। ये कदम मैमोग्राम की प्रक्रिया को अधिक आरामदायक बना सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि मौसम के प्रभाव की चिंता किए बिना समय पर मैमोग्राम कराया जाए, क्योंकि डॉक्टर द्वारा सुझाए गए समय पर स्क्रीनिंग ही सबसे उपयुक्त होती है। सर्दियों में मैमोग्राम की सटीकता को लेकर फैले मिथक को दूर करना जरूरी है, ताकि महिलाएं समय पर जांच कराकर ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम कर सकें।“
इस तरह के भ्रांतियों को दूर कर और वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित जागरूकता बढ़ाकर, हम महिलाओं को समय पर जांच कराने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, जिससे अधिक से अधिक जानें बचाई जा सकें।