रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
आगामी चुनाव को लेकर कांग्रेस की मुश्किलें थमने का नाम ही नही लें रही है। जहां एक और मुस्लिम समुदाय की और से कांग्रेस को भारी वोट और समर्थन मिलता था।
वहां इस बार टिकट बंटवारे के कारण सभी समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे है। कई उम्मीदवारो के पार्टी ने लिस्ट से नाम हटा दिए जिससे कांग्रेस नेताओ ने निर्दलीय मैदान में उतरने का निर्णय लिया और कांग्रेस के लिए मुश्किलें ख़डी करने का काम शुरू होता नज़र आ रहा है। मेयर पद से निर्दलीय प्रत्याशी श्रेष्ठा राणा ने कांग्रेस की मुस्किले बढ़ाई हुई है तो वही वार्ड 33 से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी मुब्बिसर ऐडवोकेट ने चुनावी मैदान में अपनी पूरी ताकत झोंकी दी । यही हाल वार्ड 36 में देखने को मिल रहा है। यहां शहनाज पत्नी साहिल ने कांग्रेस प्रत्याशी को टक्कर देने की भरी हुक्कार वार्ड वासियों में भी कांग्रेस पार्टी व प्रतियाशियों के खिलाफ नाराज़गी देखने को मिल रही है। जो चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को भारी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि यशपाल राणा रूडकी सीट से अपनी पत्नी श्रेष्ठा राणा के लिए कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे थे। परन्तु पार्टी ने उन्हें किनारे कर अन्य प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। सूत्रों की माने तो वर्तमान में कांग्रेस पार्टी दुवारा दिये गये उम्मीदवारो को टिकेट की कुछ खास हचल नही ऐसे में कांग्रेस द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार वार्ड 33 सोत मोहल्ले से मुब्बिसर एडवोकेट को प्रत्याशी घोषित किया गया था। लेकिन उसके बाद सिंबल किसी अन्य प्रत्याशी को दे दिया गया। जिससे नाराज़ कद्दावर नेता मुब्बिसर एडवोकेट ने निर्दलीय के रूप में नामांकन कर कांग्रेस व अन्य पार्टीयों को चुनौती दी है। उनका टिकट कटने से समर्थकों व वार्ड वासियों में भी भारी नाराजगी नजर आ रही है। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे है मुब्बिसर को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है और वह मज़बूती के साथ प्रचार-प्रसार में लगे है। इसी प्रकार सहनाज़ पत्नी साहिल भी वार्ड वार्ड 36 से चुनाव मैदान में डटी है। यह दोनों ही निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते है। यही नही मुस्लिम समुदाय का रोष भी इस चुनाव में कांग्रेस की हार का कारण बन सकता है।