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बेशकीमती भूखंडों को लेकर ही भाजपा में शामिल हुए थे काग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष सुबोध गुप्ता,अब सच सामने आने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता चौंके।

बेशकीमती भूखंडों को लेकर ही भाजपा में शामिल हुए थे काग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष सुबोध गुप्ता,अब सच सामने आने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता चौंके।

रिपोर्टर नफीस अहमद
रुड़की।कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष सुबोध गुप्ता क्या बीटी गंज के बेशकीमती भूखंड को लेकर ही भाजपा में शामिल हुए थे?यह सवाल अब नगर के प्रत्येक जागरूक नागरिक की जुबां पर है।दरअसल सुबोध गुप्ता कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहे और कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष का पद भी वह पूरी में संभाल चुके हैं।उनके यहां कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं का आना जाना रहता था,लेकिन जब कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई और उसके सत्ता में आने की संभावनाएं भी कमजोर होती चली गई तो इस बीच सुबोध गुप्ता ने भाजपा की ओर रुख किया,इसकी सबसे बड़ी वजह बीटी गंज (सुभाष गंज) के भूखंड के नवीनीकरण की पत्रावली ही रही है।वह लंबे समय से बीटी गंज (सुभाष गंज ) के भूखंडों की लीज के नवीनीकरण के प्रयास कर रहे थे,किन्तु कांग्रेस के दो बार के शासन काल में भी उन्हें इस ओर सफलता नहीं मिली तो उन्होंने अपनी गोटी कुछ भाजपा के चर्चित नेताओं से फिट की।उनके कहने पर ही वह भाजपा में आए।उन्हें यह भरोसा भी दिया गया था कि जैसे ही वह भाजपा में आ जाएंगे तो कुछ दिनों बाद ही उनकी भूखंड के लीज की नवीनीकरण करा दिया जाएगा।माना जा रहा है कि इसीलिए सुबोध गुप्ता के भाजपा में आने के कुछ दिनों बाद ही बोर्ड के प्रस्ताव के बिना ही रसीद कटवा दी गई,जबकि पहले बोर्ड में प्रस्ताव होना चाहिए था इसके बाद किराए की रसीद कटती,लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सब कुछ नियम विरुद्ध कर दिया गया।अब बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराना इतना आसान नहीं था।लंबे समय से चर्चित भाजपा नेता और सुबोध गुप्ता के लिए काम करते रहे,कुछ अधिकारी भी इसके लिए तमाम तरह की बिसात बिछाते रहे।सुबोध गुप्ता को हाई कोर्ट जाना पड़ा और इसके बाद हस्ताक्षर युक्त प्रस्ताव पारित हुआ।चर्चित नेता ने बोर्ड से प्रस्ताव पारित कराने में पूरी मदद की,यहां तक की बोर्ड से पारित प्रस्ताव हस्ताक्षर युक्त प्रस्ताव की प्रति और नगर आयुक्त की सिफारिश निदेशालय शहरी विकास को भिजवाई गई।हालांकि इस बीच हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हो गई और भूखंड के नवीनीकरण व प्रस्ताव पर एतराज किया गया,जिसमें हाईकोर्ट ने निदेशालय शहरी विकास से जवाब मांगा।अब यहां पर सारी बात लब्बोलुवाब यही है कि गुप्ता वैसे ही भाजपा में नहीं आ रहे थे।उन्हें लग रहा था कि कांग्रेस में रहते हुए भूखंड उन्हें नहीं मिल पाएंगे इसीलिए उन्होंने भाजपा में आने का रास्ता तैयार किया,जबकि भाजपा का एक बड़ा धड़ा तभी सुबोध गुप्ता के भाजपा में शामिल होने की वजह जानने के कारण उनका विरोध भी कर रहा था।आज भी भाजपा का यह धड़ा सुबोध गुप्ता के भूखंडों को लेकर मुखर है और भाजपा प्रदेश संगठन के साथ ही मुख्यमंत्री के समक्ष उनके द्वारा यह बात रखी भी गई है कि इस तरह तो कोई भी भाजपा में आकर सत्ता की आड़ में अपना काम निकाल लेगा।बता दें कि बीटी गंज ( सुभाष गंजा) के भूखंड का मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट,महामंत्री संगठन अजेय कुमार,राज्य सभा सांसद नरेश बंसल,पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरिद्वार के सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक,पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद,पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष उठ चुका है।भाजपा के नेताओं को अब ये समझ भी आ रहा है कि सुबोध गुप्ता के भाजपा में शामिल होने की वजह है यही भूखंड रहे हैं।

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