रिपोर्ट सलीम फारुकी
7 मोहर्रम को निकाला गया जुलूस
1400 साल पहले यजीद इबने माविया जो कर्बला के मैदान में तपते हुए सेहरा में जलती हुई रेत पर 3 दिन से भूखे प्यासे आले रसूल के छोटे छोटे नन्हे मासूम बच्चों को आले रसूल के पूरे घर हजरत इमाम हुसैन के साथियों को बगैर किसी जुर्म के लिए कर्बला के मैदान में सभी को कत्ल कर दिया था जुल्म की इंतहा तब हुई जब इमाम हुसैन के छोटे से 6 महीने के बच्चे को प्यासा मार डाला इमाम हुसैन में यजीद को कहा देखो यह नन्नाह बहुत छोटा सा बच्चा प्यासा है इस बच्चे पर रहम खा कर इसे पानी पिला दो यजीद ने उन पर भी तरस नहीं खाया और उनको भी तीर मारकर मारडाला इसी के बारे में मौलाना ने बताते हुए सभी मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा हम सबको इंसानों पर मजदूरों पर यतीमों पर रहम करना चाहिए मजलिस के बाद जुलूस बड़े इमामबाड़े से बाबुल मुराद के सामने आया और फिर जेनबिया इमामबाड़े के सामने तिराहे पर आकर जुलूस लंढोरा रोड चुंगी नंबर 3 से होते हुए पुलिस चौकी से होते हुए बाबुल मुराद बड़े इमामबाड़े पर आकर जुलूस संपन्न हुआ
आपको बता दें मोहर्रम के महीने में ये जो सोग के रुप में मातम होता है इन्हीं शहीदों की याद में होता है इस जुलूस में शामिल हुए मौलाना सिबते हसन मौलाना सलीम हैदर जाफरी मौलाना इफफान हुसैन आरफी शमीम हैदर सैयद रियाज़ जैदी मुशीर हुसैन जाफरी विशारत हुसैन उर्फ नुनु सैयद कौसर अब्बास उर्फ छोटा मेंबर मोहम्मद अनीस जैदी रोनक जैदी नसीम हैदर मिस्त्री सैयद इरफान कर्बलाई शराफत हुसैन उर्फ कल्लू मजहर हुसैन मास्टर जावेद जाफरी हैदर जाफरी बाबू बिजली लक्सर मौलाना चांद आबदी वाहिद हुसैन हनीफ आरफी फहीम जैदी दानिश मंगलौरी वाहिद हुसैन हामिद मंगलौरी आदि ने मजलिस व जुलूस में भाग लिया