रिपोर्ट महिपाल शर्मा
lबहादराबाद। सैकड़ो वर्षो से प्रसिद्ध बहादराबाद चौक बाजार की रामलीला में रविवार को रंगमंच पर धनुष यज्ञ, रावण-बाणासुर तथा लक्ष्मण परशुराम संवाद का भव्य मंचन किया गया। सीता स्वयंवर में पधारे कई देश के राजा। रंगमंच का पर्दा उठने के बाद महाराज जनक का दरबार सजा हुआ था और धनुष यज्ञ की तैयारी हो रही थी। सीता स्वयंवर में अनेक देशों के राजागण पधारे थे। इस अवसर पर महर्षि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ यज्ञशाला में प्रवेश करते हैं। सभी राजा व दरबार में उपस्थित लोग राम-लक्ष्मण को देखकर अपनी-अपनी भावनाओं के अनुसार उनका दर्शन करते हैं। सीता स्वयंवर में सभी राजागण धनुष नहीं उठा सके यहां तक कि रावण बाणासुर जैसे योद्धा भी शिव धनुष को हिला तक न सके। इस अवसर पर रावण बाणासुर संवाद बड़े जोशीले और मर्मर्स्पशी थे जो दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे थे। जब सभी राजा शिव धनुष के समक्ष शक्तिहीन हो गए तब महर्षि विश्वामित्र ने राम से कहा- उठहुॅ राम भंजहु भव चापा। मेटहु तात जनक परितापा, धनुष टूटते ही रंगमंच पर भगवान परशुराम का आगमन होता है और वे क्रोधित होकर बैठै सभी राजाओं पर कोड़े बरसाते हैं। इसके बाद लक्ष्मण परशुराम के जोशीले संवाद सुनकर दर्शकों की स्थिति भी विचित्र बन जाती है।राम जी की भूमिका प्रदीप कश्यप ,लक्ष्मण की भूमिका शिवा ,विश्वामित्र की भूमिका दीपक ,जनक की भूमिका में सुधीर चौहान,सीता जी की सराहनीय भूमिका मोनू भटनागर ने प्रस्तुत की डायरेक्टर पंडित विनोद कुमार शर्मा,रावण की भूमिका में अनिल शीर्षवाल ,परशुराम की भूमिका में पंकज मणि,बाणासुर की भूमिका में देवेंद्र,संगीत निर्देशन रणवीर सिंह द्वारा किया गया सह कलाकार के रूप में राहुल, उमेश,सचिन, कृष्णा, ईशान ,कन्हैया, परम,सेठी ,रजत आदि ने किया।