रिपोर्ट सूरज वर्मा
डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा जनपद हरिद्वार के रूड़की विकास खंड के शंकरपुरी ग्राम सभा में एक दिवसीय पेयजल सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन”
डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद से वित्त पोषित शोध परियोजना के अंतर्गत आज दिनाँक 15 फरवरी 2024 को रूड़की विकास खंड की शंकर पुरी ग्राम सभा के पंचायत भवन में एक दिवसीय “ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में जैविकीय प्रदूषण रोकने हेतु जल सुरक्षा योजना हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला” का आयोजन डी बी एस कॉलेज देहरादून, हर्ष विद्या मंदिर महाविद्यालय रायसी, स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी जॉली ग्रांट एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यशाला समन्वयक डी ए वी महाविद्यालय देहरादून के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर प्रशांत सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के आयोजन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शंकर पुरी ग्राम सभा के ग्राम प्रधान श्री इसम सिंह ने अपने संबोधन में कार्यक्रम में उपस्थित सभी ग्रामीण प्रतिभागियों से कहा कि हम सभी को जल के महत्व को समझना होगा । उन्होंने कहा कि अगर हमारा पेय जल शुद्ध होगा तो हम सभी स्वस्थ रहेंगे इसलिए आज की जल सुरक्षा कार्यशाला इस संदर्भ में बहुत महत्त्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में परियोजना के अन्वेषक एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रोसेसर प्रशांत सिंह एवं आयोजक टीम द्वारा ग्राम प्रधान श्री इसम सिंह को जल परीक्षण करने के लिए फ़ील्ड टेस्टिंग किट प्रदान की गयी जिससे गाँव के जलस्रोतों का जल समय समय पर टेस्ट किया जा सके।
तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान डी ए वी कॉलेज देहरादून के रसायन विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रशांत सिंह ने “जल सुरक्षा योजना बनाने में जैविकीय प्रदूषण रोकने की आवश्यकता तथा उपाय” विषय पर व्याख्यान देते हुए जल में जीवाणओं की जांच एवं उनको दूर करने के उपाय पर दिया। उन्होंने जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने को कहा जिससे मानव स्वास्थ्य की रक्षा हो सके। प्रोफेसर सिंह ने भारत सरकार की विभिन्न जल संबंधी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्र का दूसरा व्याख्यान उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने “जल गुणवत्ता के भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणों का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं रोकथाम के उपाय” विषय पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए कहा कि सामान्य रूप से हम अपने पेय जलस्रोत से प्राप्त जल को छानकर, उबालकर, ठंडा करके पुनः छानकर पीने के लिए प्रयोग कर सकते हैं इससे पानी में उपस्थित टरबिडिटी (गंदलापन) के साथ साथ अधिकता में उपस्थित टीडीएस, हार्डनेस, कैलसियम आदि की मात्रा में कमी आ जाती है। उन्होंने जल में उपस्थित फ्लोराइड, आयरन एवं नाइट्रेट आदि मानकों के स्वास्थ्य पर प्रभावों के विषय में एवं पानी में अधिकता होने पर उपचार के विषय में बताया।
उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून के मुख्य रसायनज्ञ डॉ विकास कडारी ने फ़ील्ड टेस्टिंग किट द्वारा जल गुणवत्ता का परीक्षण करना सिखाया। उन्होंने पानी का पीएच, टरबिडिटी, आयरन, फ्लोराइड, नाइट्रेट आदि को टेस्ट करना सिखाया।
कार्यक्रम में 60 से अधिक ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व वी डी सी सदस्य श्री देशराज, रोहिंद्र सिंह, धनंजय चमोला आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
श्री इसम सिंह
ग्राम प्रधान
शंकर पुरी ग्राम सभा
विकास खंड रूड़की