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कुलपति ने दी छात्र को निष्कासित करने की धमकी

रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
कुलपति ने दी छात्र को निष्कासित करने की धमकी

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में बीते कई महीनों से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य समस्याओं को लेकर छात्र कल्याण परिषद एवं छात्र कुलपति से मिलने की गुज़ारिश कर रहे थे। परंतु कुलपति की ओर से कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली। न ही कुलपति ने मिलने का समय दिया और न ही छात्रों की समस्याओं पर ध्यान दिया । पिछले कई दिनों से कुलपति छुप छुप कर विश्वविद्यालय आ रहे थे और छात्रों की निगाह से बचने का प्रयास कर रहे थे । परंतु आज छात्रों ने कुलपति को कार के पास रोक कर बात करना चाही तो कुलपति ने आक्रोश में आकर छात्रों से अभद्र तरीके से बात की साथ ही पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष को विश्वविद्यालय से निष्कासित करने की धमकी भी दी l उसके बाद वह गाड़ी में बैठे कर छात्रों की बात बिना सुने जाने लगे । उसके बाद छात्रों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य द्वारा पर वर्तमान अध्यक्ष निर्मल थुवाल एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संस्कृत सेवा समिति कैलाश व्यास, पूर्व उपाध्यक्ष आशीष सेमवाल सहित अन्य छात्र कुलपति की गाड़ी के आगे लेट गए और कहा कि जब तक कुलपति छात्रों की समस्याओं के विषय में बात नहीं करेंगे तब तक हम गाड़ी के आगे से नहीं हटेंगे। पूर्व अध्यक्ष सागर खेमरिया ने कहा कि संस्कृत के लिए जान भी देनी पड़े तो हम देंगे परंतु संस्कृत के छात्र का शोषण नहीं होने दे सकते संस्कृत हमारी जननी है l इसके बाद भी कुलपति अभिमानवश गाड़ी से नहीं उतरे। फिर रजिस्ट्रार एवं अन्य अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों द्वारा आश्वासन दिया के 30 मिनट में कुलपति पुनः आकर आपकी मांगों को सुनेंगे। तब छात्रों ने गाड़ी को जाने दिया कुछ समय पश्चात कुलपति आए और सभी प्रशासनिक अधिकारी एवं शिक्षकों के समक्ष छात्रों ने अपना मांग पत्र प्रस्तुत किया जिसमे सर्वप्रथम कुलपति के इस अभद्र व्यवहार को सहन नहीं किया जायेगा वह तत्काल स्तीफा प्रदान करें। एवं अन्य शैक्षणिक एवं पी एच डी संबधी प्रवेश धांधली की समस्या, सत्र 2016-19 शास्त्री की डिग्री में अनियमितता, संस्कृत के छात्रों के साथ कुलपति द्वारा जो पक्षपात किया जा रहा है इन सब बिंदुओं पर 10 सूत्रीय मांग प्रेषित की। कुलपति बैठक में मौन रहे उनके द्वारा कोई विशेष प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली उनके पास छात्रों की बातों का कोई उत्तर नहीं था । छात्रों ने प्रशासन को कहा कि यदि इन समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निवारण नहीं होता है तो छात्रों का आंदोलन अनवरत चलता रहेगा। इस आंदोलन में छात्र संघ सचिव कार्तिक श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष सीमा यादव, शोध छात्र आशुतोष काला, अरुण ममगाईं, कमलेश पुरोहित, पवन, पंकज शुक्ला, रोहित, पंकज शर्मा, अजय, अमन दुबे, राहुल सिंह, इत्यादि छात्र शामिल रहे।

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