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रुड़की।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष आचार्य रविंद्र पुरी जी महाराज ने कहा ज्योतिष विद्या भारतीय संस्कृति की सबसे प्राचीन विद्या है।

रिपोर्टर नफीस
रुड़की।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष आचार्य रविंद्र पुरी जी महाराज ने कहा ज्योतिष विद्या भारतीय संस्कृति की सबसे प्राचीन विद्या है।इस विद्या के माध्यम से भारतीय प्राचीन संस्कृति का डंका पूरे विश्व में बजा है।रामनगर स्थित होटल में श्रीमती कृष्णा देवी सेमवाल की स्मृति में आयोजित उत्तराखंड ज्योतिष परिषद द्वारा 55 वें अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए आचार्य रविंद्र पुरी जी महाराज ने उक्त उद्गार व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि ज्योतिष एक ऐसी विद्या है इसके माध्यम से हजारों वर्षों की जानकारी को सही ढंग से देखा जा सकता है।भूत और वर्तमान का सही आकलन ज्योतिष में ही निहित है।यह विद्या केवल भारत वर्ष में नहीं,बल्कि संपूर्ण विश्व में अपनाई जाती रही है।उन्होंने कहा कि साधना के बिना ज्योतिष अधूरी है और जो व्यक्ति शुद्धता,सत्यता एवं तप के साथ ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य करता है तभी सफल होता है,वहीं उन्होंने कहा कि बिना आशीर्वाद के कोई भी व्यक्ति यश और ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता,इसलिए गुरुजनों की शरण में आकर प्रत्येक व्यक्ति को उनसे संस्कार प्राप्त कर सही दिशा का अनुसरण करना चाहिए।सम्मेलन के आयोजक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने कहा कि उनके द्वारा ज्योतिष के प्रचार-प्रसार के लिए उत्तराखंड में ही नहीं,बल्कि पूरे देश में दर्जनों ज्योतिष सम्मेलन आयोजित किए गए हैं।उन्होंने कहा कि ज्योतिष को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तीन दशकों से लगातार ज्योतिष कार्यक्रमों का आयोजन करते रहे हैं,यही कारण है आज ज्योतिष का प्रचार-प्रसार देश-विदेशों में बड़ी तेजी से फैल रहा है। ज्योतिष सम्मेलन का शुभारंभ वेद मंत्र एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।देश भर से आए ज्योतिषों ने देश की स्थिति एवं विश्व के बिगड़ते हालात पर विस्तार से चर्चा की। रूस-यूक्रेन युद्ध चर्चा ज्योतिष सम्मेलन में प्रमुख रही।मेयर गौरव गोयल तथा विधायक प्रदीप बत्रा ने भी विचार व्यक्त किए।आचार्य पंडित रमेश सेमवाल द्वारा अतिथिगणों का स्वागत किया गया।इस अवसर पर स्वामी दिनेशानंद भारती,कृष्णा कंसवाल,शुभम शुक्ला,जीवन खनाल,प्रकाश चंद सारस्वत,सुनील माथुर,मधुकर मिश्र,विनोद प्रकाश,मदन सिंह रावत,डॉक्टर आरपी द्विवेदी,पंडित मथुरा प्रसाद,हिमांशु जैन,आचार्य भास्कर,आनंद अग्रवाल,डॉ.प्रकाश चमोली, आचार्य पंडित प्रवेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
ज्योतिष सम्मेलन में ज्योतिष शिरोमणि सम्मान एवं महर्षि पराशर ज्योतिष सम्मान से सम्मानित किया गया।
पंडित रमेश द्विवेदी,डॉ.भैरव प्रकाश दधीच,महामंडलेश्वर संत कमल किशोर,डॉक्टर अनीष ब्यास,भगवान सहाय शर्मा,रंजीता व्यास,लक्ष्मी शर्मा, गोपाल कृष्ण वेदिया,साक्षी भार्गव,राजेश कुमार मीणा,रूना संधीर,गौरी शर्मा,सुभाष शर्मा, कृष्ण पंत बृजवासी,डॉक्टर ललित मोहन जोशी,धर्मेंद्र कुमार बंसल,प्रकाश चंद सारस्वत,सुनील माथुर,डॉ.कुमार गणेश, आचार्य विपिन डागर,डॉ. ललित,भारत भूषण,रोशन नौटियाल,संजीव ममगई,मुकेश पैन्यूली,नरेश सेमवाल,वेदाचार्य नवीनचंद्र उप्रेती,ज्योतिषाचार्य शिव शर्मा,डॉक्टर पवन सिंह,अंकुर गोयल,अशोक कुमार,पंडित प्रशांत चतुर्वेदी, पंडित शैलेश शास्त्री,पंडित उपेंद्र कुमार शर्मा,पंडित मुकेश पेटवाल,पंडित विनोद शर्मा,कृष्ण सिंह,धीरेंद्र सिंह राठौर

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