साइबर ठगों से सावधान l जरा सा लालच कर सकता है आपका बैंक अकाउंट l
जैसे जैसे लोग अपने जीवन मे इंटरनेट का प्रयोग बढ़ा रहे है।वैसे वैसे लोगो के सामने एक गंभीर समस्या बढ़ती नजर आ रही है। वो समस्या है उन ठगों की जो पूरा दिन ऐसे लोगो का शिकार करते है जो अधिकतम लेंन देंन मोबाइल से या नेट बैंकिंग के माध्यम से करते है। जी हां इस समस्या को साइबर ठग भी कहा जाता है।ये साइबर ठग देश मे तेजी से एक वायरस की तरह फैलते चले जा रहे है। ये इतने शातिर होते है कि एक बार ठगी करने के बाद ये इस तरह गायब हो जाते हैजैसे गधे के सिर से सींग l इनके खिलाफ सरकार व खुफिया एजेंसी भी मजबूर नजर आती है। यूं तो ये साइबर ठग रोजाना चौबीसों घण्टे शिकार की तलाश में रहते है। लेकिन जब कोई त्योहार आता है तब ये लोगों को लुभावने ऑफर देकर अपने जाल में फंसाने के लिए तैयार हो जाते है।
त्योहारों के अवसर पर तो ये विशेष ऑफर या कई तरह के इनाम व इनामी धनराशि जीतने का सांझा देकर सैकड़ो लोगों की गाढ़ी कमाई समेट ले जाते हैं। साइबर एक्सपर्टों का कहना है कि त्योहार पर फर्जी ऑफरों की धूम रहती है। सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह जल्दबाजी व लालच के चक्कर में ठगी का शिकार न हो जाएं।
टैक्स पेयर्स जब इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं तो इसमें अपना रिफंड प्राप्त करने में कुछ दिनों का समय लगता है। कई बार इसमें एक महीने से लेकर 3-4 महीने का भी वक्त लग सकता है। ऐसे में साइबर क्रीमिनल्स लोगों से रिफंड के नाम पर ठगी करते हैं।
साइबर क्रीमिनल्स आपके मोबाइलों पर भेजते हैं मैसेज ओर लिंक जो बनता है मुसीबत का कारण साइबर ठग इनकम टैक्स रिफंड के बहाने लोगों को फंसाते हैं। वे लोगों को एक मैसेज भेजते हैं, जिसमें लोगों से इनकम टैक्स रिफंड के लिए एप्लिकेशन सबमिट करने के लिए कहा जाता है। इसके जरिए साइबर क्रीमिनल्स लोगों से उनकी पर्सनल और बैकिंग से जुड़ी जानकारियां हासिल कर लेते हैं और उनके बैंक अकाउंट में सेंध लगा देते हैं।
इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर भेजे गए मैसेज में साइबर ठग एक लिंक भेजते हैं। वे लोगों से इस लिंक पर क्लिक कर इनकम टैक्स रिफंड के लिए एप्लिकेशन सबमिट करने को कहते हैं। जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो एक टैक्स ई—फाइलिंग वेबपेज खुलता है। यह देखने में आयकर ई-फाइलिंग वेब पेज जैसा मालूम पड़ता है। हालांकि ये वेबपेज फर्जी होता है। जो व्यक्ति इनके झांसे में आ जाता है, उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या है बचाव अवश्य जानिए,
बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कभी भी इनकम टैक्स रिफंड के लिए यूजर से उसके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी नहीं मांगता है और न ही डिपार्टमेंट की तरफ से सीवीवी या ओटीपी मांगा जाता है। अगर आपसे कोई इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर इस तरह की जानकारी मांगे तो समझ जाएं कि आपके साथ फ्रॉड होने वाला है।
सावधान रहे किसी भी ऐसे मेसिस पर ध्यान न दें और सुरक्षित रहे, अपनी मेहनत कि कमाई को ठगों से बचा कर रखें l