रिपोर्ट महिपाल शर्मा l
साईबाबा का 14वा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया।
शिरडी के साईं बाबा एक भारतीय धार्मिक गुरु : जियालाल यादव l
साईं बाबा के मंदिर बहादराबाद का 14 वां स्थापना दिवस बड़े धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर साईं पालकी सहित शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें क्षेत्र के हजारों साई भक्तों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। शोभा यात्रा साईबाबा मंदिर से शुरू होकर पीठ बाजार,चोक बाजार बहादराबाद,धनोरी मार्ग से होते हुए वापस साई मंदिर पर समाप्त हुई। क्षेत्र के ग्रामीणों ने जगह-जगह साई पालकी व शोभा यात्रा का फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। साई मंदिर के संस्थापक जियालाल यादव ने बताया कि इस बार साई बाबा मन्दिर का 14वा स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिरडी के साईं बाबा एक भारतीय धार्मिक गुरु थे, जिन्हें उनके भक्त संत, फ़क़ीर और सतगुरु भी कहते थे। उनके हिन्दू और मुस्लिम दोनों भक्त उन्हें पूजते थे, और उनकी मृत्यु के बाद भी आज भी हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग उन्हें पूजते है। साईं बाबा की किसी एक समाज में प्रतिष्ठा नही है। उन्होंने अपने आप को एक सच्चे सद्गुरु को समर्पित कर दिया था, लोग उन्हें भगवान का अवतार ही समझते थे।वैश्विक स्तर पर भी लोग साईं बाबा को जानते है। नश्वर चीजो का उन्हें कोई मोह नही था और उनका मुख्य उद्देश्य स्वयं को खुद की अनुभूति दिलाना था। वे लोगो को प्यार, दया, मदद, समाज कल्याण, संतोष, आंतरिक शांति और भगवन की भक्ति और गुरु का पाठ पढ़ाते थे।उन्होंने बताया कि साईनाथ का जन्म 27 अक्टूबर 1835 की महाराष्ट के पातरी नमक गांव में हुआ था,उन्होंने लोगो को धार्मिक भेदभाव करने से भी मना किया था। साईबाबा लोगो को हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्म का पाठ पढ़ाते थे, उन्होंने उनके रहने वाली मस्जिद को हिन्दू नाम द्वारकामाई का नाम भी दिया था, जिसमे हिन्दू और मुस्लिम दोनों एकसाथ साईबाबा को पूजते थे।उन्होंने बताया कि साईं बाबा 1854 के आस पास पहली बार शिरडी आए और शिरडी को ही अपनी कर्मस्थली बनाया साई कर भक्तों ने शिरडी में साई धाम की स्थापना की।1916 में साई बाबा इस शरीर को छोड़ का चले गए किन्तु कहा जाता है कि शिरडी में बाबा आज भी सशरीर विराजमान है।
इस अवसर पर उषा रानी, रवि मोहन यादव, बालेन्द्र चौधरी, जोगेंद्र पाल ,जेपी सिंह, राजीव गुप्ता, कुलदीप, रोहित कुमार ,हकमचंद ,हरिश्चंद्र यादव आदि शामिल रहे वर्तमान